मोदी सरकार का किसानों को बड़ा सौगात

कोरोना से उभरने की दिशा में सरकार पूरी तरह से तैयार है आप सभी देखें होंगे सरकार हर संभव मदद करने के लिये पूरी तरह से मुस्तैद है बात राशन कार्ड धारकों को प्रतिव्यक्ति उचित राशन उपलब्ध करने की हो या फिर कोरोना की जंग से जीत के लिये सरकारी मदद की सरकार हर संभव देश के नागरिकों की मदद की
सरकार का मानना है कि कोरोना के बाद खेती-किसानी क्षेत्र भी नए तरह की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में उन्हें सरकारी सहायता की दरकार ज्यादा है। इसलिए, इस समय विशेषज्ञ वह उपाय तलाश रहे हैं, जिनके सहारे किसानों को मदद दी जा सके। इसी क्रम में हो सकता है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में इजाफा कर दिया जाए।
खेती-किसानी के मोर्चे पर देश के कई हिस्सों के किसानों का विरोध झेल रही सरकार बजट से उनका मन मोह सकती है ।
क्या कहते हैं अधिकारी
केंद्रीय कृषि मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगले महीने पेश किए जाने वाले आम बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है। कोरोना के बाद जैसे औद्योगिक जगत या वाणिज्य जगत परेशानी झेल रहे हैं, उसी तरह किसान भी परेशानी झेल रहे हैं। उन्हें भी मदद की दरकार है। इस समय इसी बात पर विचार विमर्श चल रहा है कि किसानों को सहायता किस तरह से उपलब्ध कराई जाए। कुछ लोगों का कहना है कि पीएम किसान सम्मान निधि में जो राशि दी जा रही है, उसी में बढ़ोतरी कर दी जाए। इस पर अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है।
पीएम किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। इसके जरिए छोटे और सीमान्त किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि है, को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रुपए मिल रहा है। एक दिसम्बर 2018 से लागू यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। क्योंकि इसके तहत पात्र किसानों को हर वर्ष 6000 रुपये उनके खाते में भेज दिया जाता है।
कब हुई थी शुरूआत
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी। उस समय सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये का अग्रिम बजटीय प्रावधान किया था। हालांकि, इस योजना पर सालाना 75 हजार करोड़ रुपये का अनुमान था। बाद में जब इसे लागू किया गया तो पता चला कि देश में किसानो की संख्या ज्यादा होने के कारण तथा इस योजना में किसानो की दिलचस्पी होने के करें सालाना खर्च में बढ़ोतरी हुई।
छोटे एवं सीमान्त किसानों के लिए उपयोगी
छोटे एवं सीमान्त किसानों के लिए यह योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है। बुवाई से ठीक पहले नकदी के संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सहूलियत मिलती है। अब तक इस योजना का लाभ 11 करोड़ 47 लाख किसान उठा रहे हैं।
