पेंड्रा नगर पालिका चुनाव: निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले चुनाव चिन्ह, राकेश जालान को “ऑटो” तो डी वन राठौर को “प्रेशर कुकर” इस बार पेंड्रा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चार प्रमुख प्रत्याशी मैदान में हैं

निकाय चुनाव गौरेला पेंड्रा मरवाही

नगर पालिका चुनाव में नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब चुनाव चिन्हों का आवंटन कर दिया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा घोषित चुनाव चिन्हों में राष्ट्रीय पार्टियों के अधिकृत निशानों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों को भी चिन्ह आवंटित किए गए हैं।



पेंड्रा नगर पालिका चुनाव में मुकाबला रोचक

इस बार पेंड्रा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चार प्रमुख प्रत्याशी मैदान में हैं

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रितेश फरमानिया – चुनाव चिन्ह कमल का फूल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) से पंकज तिवारी – चुनाव चिन्ह पंजा

निर्दलीय प्रत्याशी राकेश जालान (कालू) – चुनाव चिन्ह ऑटो

निर्दलीय प्रत्याशी डी वन राठौर – चुनाव चिन्ह प्रेशर कुकर


निर्दलीय प्रत्याशी राकेश जालान को ऑटो चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उनके समर्थकों में उत्साह देखा गया, जबकि भाजपा प्रत्याशी रितेश फरमानिया ने रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत दर्ज कराई कि ऑटो में चुनाव प्रचार सामग्री लगाने की अनुमति नहीं दी जाए। अब देखना होगा कि यह आपत्ति चुनाव प्रक्रिया पर कितना असर डालती है।

गौरेला नगर पालिका: निर्दलीय शकीला बेगम को फिर मिला “गिलास”

गौरेला नगर पालिका चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए हैं। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जुबेर अहमद गटर भाई ने अपना नामांकन वापस ले लिया, लेकिन उनकी पत्नी शकीला बेगम निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में डटी हुई हैं।

चुनाव चिन्ह आवंटन के दौरान शकीला बेगम ने अपने पिछले चुनाव में मिले गिलास छाप की मांग की थी। लॉटरी प्रक्रिया के बाद उन्हें एक बार फिर वही चुनाव चिन्ह मिला, जिससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर है।



चुनाव प्रचार में आएगा जोर

चुनाव चिन्हों के आवंटन के साथ ही प्रचार अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। जहां भाजपा और कांग्रेस अपने स्थायी वोट बैंक पर फोकस कर रही हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी जनता से सीधा संपर्क बनाने की रणनीति अपना रहे हैं।

अब सवाल यह है कि राकेश जालान का “ऑटो” चुनाव में कितनी तेजी से दौड़ेगा और क्या “प्रेशर कुकर” के दबाव में किसी की स्थिति बिगड़ेगी? यह तो 11 फरवरी के मतदान के बाद ही साफ होगा।

Akhilesh Namdeo

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