पेंड्रा नगर पालिका चुनाव: नामांकन का आखिरी दिन, कांग्रेस में बगावत के बीच दो प्रत्याशी आमने-सामने, नामांकन रैली में दिखेगा दम
पंकज तिवारी की रैली में कांग्रेस संगठन के अधिकृत नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी होगी।
राकेश जालान अपने बागी समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाएंगे
चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प, भाजपा प्रत्याशी दिखा चुके हैं ताकत

निकाय चुनाव गौरेला पेंड्रा मरवाही
पेंड्रा: नगर पालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आज नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है और कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान के बीच दो प्रत्याशी एक ही मार्ग से अपनी रैली निकालकर अपना दमखम दिखाने वाले हैं।
कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी पंकज तिवारी और बागी राकेश जालान भाजपा प्रत्याशी रितेश फरमानिया के बीच त्रिकोणीय मुकाबला ?
कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी पंकज तिवारी आज अपनी नामांकन रैली निकालकर समर्थकों की ताकत का प्रदर्शन करेंगे, वहीं कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज बागी नेता राकेश जालान भी अपनी अलग रैली निकालकर विरोधी तेवर दिखाएंगे।

कांग्रेस के टिकट वितरण में चला कोटा बनाम महंत गुट का दांव
पंकज तिवारी को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की भूमिका अहम रही। उन्होंने अंत तक अपनी रणनीति पर काम किया और अपने करीबी पंकज तिवारी को कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी बनवा दिया।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत राकेश जालान को प्रत्याशी बनाए जाने की पैरवी कर रहे थे। लेकिन कोटा विधायक की लॉबिंग भारी पड़ी और पंकज तिवारी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिए गए। अब पंकज तिवारी की जीत की पूरी जिम्मेदारी अटल श्रीवास्तव पर होगी और चुनाव प्रचार की रणनीति भी उनके ही इर्द-गिर्द घूमेगी।

राकेश जालान का बागी तेवर: “लड़ेंगे और जीतेंगे”
टिकट नहीं मिलने के बाद राकेश जालान खुलकर बागी हो गए हैं। आज नामांकन रैली से पहले उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—
“मैं पेंड्रा नगर पालिका में अपने बीते 5 सालों के विकास कार्यों के दम पर चुनाव लड़ रहा हूं। शहर के हर गली-मोहल्ले तक मेरी पहुंच है। मुझे पार्टी ने टिकट नहीं दिया, लेकिन जनता मेरे साथ है। इस चुनाव को मैं पूरी ताकत से लड़ूंगा और जीतूंगा भी।”
नामांकन रैली: शक्ति प्रदर्शन का होगा मुकाबला
आज की नामांकन रैली कांग्रेस के भीतर दो गुटों की सीधी टक्कर का संकेत देगी।
पंकज तिवारी की रैली में कांग्रेस संगठन के अधिकृत नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी होगी।
राकेश जालान अपने बागी समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाएंगे।
क्या बगावत से कांग्रेस को होगा नुकसान?
कांग्रेस की इस अंदरूनी लड़ाई का सीधा फायदा भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों को हो सकता है।
कांग्रेस के बंटे हुए वोटों से भाजपा प्रत्याशी रितेश फरमानिया को सीधा लाभ मिल सकता है।

चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प, भाजपा प्रत्याशी दिखा चुके हैं ताकत
भाजपा प्रत्याशी रितेश फरमानिया पहले ही अपनी मजबूत नामांकन रैली निकाल चुके हैं। उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं के समर्थन से शक्ति प्रदर्शन कर दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस के अंदरूनी विवाद के चलते उन्हें कितना फायदा मिलता है।


