पेंड्रा नगर पालिका चुनाव: शपथ ग्रहण में दिखी सियासी खींचतान, 15 में से सिर्फ 1 ने ली शपथ

किसी भी निर्वाचित व्यक्ति में नगर विकास के लिए प्रतिबद्धता और क्षमता होनी चाहिए :- जयसिंग अग्रवाल पूर्व मंत्री
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा—’हार कर भी जीत गई कांग्रेस’ :- उत्तम वासुदेव
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नगर पालिका चुनाव के बाद शपथ ग्रहण समारोह में राजनीतिक हलचल देखने को मिली। पेंड्रा नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश जालान और एक पार्षद ने शपथ ग्रहण किया, जबकि 15 में से बाकी 14 पार्षदों ने शपथ लेने से दूरी बना ली।

राकेश जालान निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद हाल ही में कांग्रेस में लौटे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ने एक दिन पहले ही उनके निलंबन को रद्द करते हुए उन्हें कांग्रेस में वापस शामिल किया। लेकिन उनकी वापसी से कांग्रेस के भीतर ही असंतोष देखने को मिल रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह से पार्षदों की गैरमौजूदगी बनी चर्चा का विषय।

इस समारोह में पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल की उपस्थिति में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने अध्यक्ष और एक पार्षद को शपथ दिलाई। हालाँकि, 7 पार्षद भाजपा के और 6 पार्षद कांग्रेस के और 1 निर्दलीय शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। इस गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

पेंड्रा नगर पालिका: कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा—’हार कर भी जीत गई कांग्रेस’
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नगर पालिका चुनावों के बाद जहां शपथ ग्रहण समारोह में सियासी खींचतान देखने को मिली, वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ने इसे कांग्रेस की रणनीतिक जीत बताया।
‘राजनीति अवसर तलाशती है’—उत्तम वासुदेव
जब इस मामले पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा—
“राजनीति अवसर तलाशती है। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी तो कांग्रेसी थे ही, लेकिन जो निर्दलीय चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने, वे भी कांग्रेसी विचारधारा के हैं। निर्दलीय प्रत्याशी ने ना केवल कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया बल्कि भाजपा प्रत्याशी को भी हराया,गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में कांग्रेस को एक नगर पालिका और एक नगर पंचायत अध्यक्ष मिला, जो बड़ी बात है। कांग्रेस चुनाव हारकर भी जीत गई, और जो हारकर जीत ले, वही असली बाजीगर होता है।”

पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल का बयान
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि “किसी भी निर्वाचित व्यक्ति में नगर विकास के लिए प्रतिबद्धता और क्षमता होनी चाहिए। नवनिर्वाचित अध्यक्ष में पर्याप्त क्षमता है, जिससे नगर का विकास होगा।”
राकेश जालान की कांग्रेस में वापसी और शपथ ग्रहण में पार्षदों की अनुपस्थिति से यह साफ़ संकेत मिलता है कि कांग्रेस के भीतर गुटबाज़ी और असंतोष चल रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इस स्थिति को कैसे संभालती है और नगर पालिका का प्रशासनिक संचालन किस दिशा में जाता है।
