मरवाही विधानसभा क्षेत्र में बिछ गई है राजनीतिक बिसात

कांग्रेस से डॉक्टर के के ध्रुव, भाजपा से प्रणव मरपच्ची तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ( जे )के गुलाब राज के बीच में होगा त्रिकोणीय मुकाबला

मरवाही की राजनीतिक तासीर : लिबास बदलने से ज्यादा मरवाही के नेता करते हैं दल बदल

अखिलेश नामदेव छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव डेक्स 2023 (मरवाही विधानसभा)

कांग्रेस बीजेपी तथा छजकां के प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद मरवाही विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक तस्वीर साफ होने लगी है तथा अब यह तय हो गया है कि मरवाही में कांग्रेस के डॉक्टर के के ध्रुव भाजपा के प्रणव मरपच्ची तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के गुलाब राज के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कौन-कौन राजनीतिक दलों को चुनौती देंगे यह 2 नवंबर नाम वापसी के बाद ही स्पष्ट होगा।

डॉक्टर के के ध्रुव कांग्रेस
गुलाब सिंह राज़ छ.ज.का.
प्रणव मरपच्ची भाजपा

मरवाही विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में रोज नई राजनीतिक उठा पटक देखने को सामने आ रही है। कौन अपना होगा कौन बेगाना इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। कहना गलत नहीं होगा कि हाई प्रोफाइल मरवाही विधानसभा क्षेत्र में दल बदल कोई नई बात नहीं है।

ऋतु पद्राम गोगपा प्रत्याशी

यहां के नेता जितना लिबास नहीं बदलते उससे कहीं अधिक दल बदलते हैं।
आजादी के बाद से लेकर अब तक मरवाही हमेशा से राजनीतिक उलट फेर के लिए देश एवं प्रदेश में चर्चित रहा है। कभी डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते मरवाही क्षेत्र के विधायक रहते हुए कांग्रेस के आदिवासी नेता के रूप में प्रदेश एवं देश में अपनी पहचान बनाई थी। बाद में वर्ष 1985 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने उनकी टिकट काट दी थी तब वे वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा में शामिल होकर मरवाही से विधायक चुने गए और अभिभाजित मध्य प्रदेश में सुंदरलाल पटवा की सरकार में पशुधन एवं डेयरी विकास मंत्री बने।

स्व. डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते

बाद में जब 1993 में सुंदरलाल पटवा की सरकार भंग कर दी गई थी तब दोबारा आम चुनाव होने पर भाजपा ने भंवर सिंह पोर्ते को भाजपा की टिकट से वंचित कर दिया था। तब डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नागर चाप से चुनाव लड़ना पसंद किया था परंतु इसी दौरान 16 नवंबर 1993 को डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते का निधन हो गया था ।उस विधानसभा चुनाव में मरवाही से कांग्रेस की टिकट पहलवान सिंह मरावी को मिली जो एक बार कांग्रेस के विधायक बने और दूसरी बार कांग्रेस की वर्ष 1998 में टिकट मिलने पर भाजपा के रामदयाल उइके से पराजित हो गए थे।
वर्ष 2000 में जब मध्य प्रदेश से अलग होकर नया छत्तीसगढ़ राज्य बना तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अजीत जोगी बनाए गए जो विधायक नहीं थे तब उनके लिए मरवाही के भाजपा विधायक रामदयाल उईके ने फरवरी 2001 में हुए विधानसभा उपचुनाव में अपनी सीट खाली करके मरवाही को देश की राजनीतिक में चर्चा का केंद्र बना दिया था। रामदयाल उइके पटवारी की नौकरी छोड़कर राजनीति में शामिल हुए थे।

रामदयाल उईके

वे नफा नुकसान को अच्छी तरह से समझते थे मरवाही सीट खाली करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं मरवाही के विकास के लिए अपनी सीट छोड़ रहा हूं। वर्ष 2001 के विधानसभा उपचुनाव में स्वर्गीय डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते की पत्नी श्रीमती हेमंत पोर्ते जो उसेश समय छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष थी ने विद्याचरण शुक्ल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ी थी। यह वह दौर था जब न सिर्फ मरवाही में बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में दल बदल की आंधी देखने को मिली थी। अजीत जोगी 3 साल तक ही मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2003 में जब छत्तीसगढ़ में विधानसभा के आम चुनाव हुए तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा था और भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी थी। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी जैसे ना जाने कितने लोगों ने दल बदल किया था।

पहलवान सिंह मरावी

हालांकि इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी मरवाही से लगातार विधायक रहे और मरवाही सहित छत्तीसगढ़ की राजनीति में सक्रिय रहे। वर्ष 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मरवाही सीट अपने बेटे अमित जोगी के हवाले कर दी थी जो वर्ष 2013 में मरवाही से रिकार्ड मतों से कांग्रेस के विधायक बने। इस विधानसभा चुनाव में अमित जोगी ने भाजपा की समीरा पैकरा को चुनाव में हराया था वहीं वर्ष 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी नई क्षेत्रीय पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस योगी का गठन कर लिया था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मरवाही से अजीत जोगी अपनी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी पार्टी से चुनाव लड़कर मरवाही से विधायक बने थे वही इस विधानसभा चुनाव में भाजपा से डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते की पुत्री अर्चना पोर्ते कांग्रेस से गोंड़ समाज के जिला अध्यक्ष पूर्व सरपंच हर्राटोला, कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थे।

इस विधानसभा उपचुनाव में अजीत जोगी एक तरफ मतों के साथ विधायक बने थे। कालांतर में जब वर्ष 2019 में मरवाही विधायक रहते हुए अजीत जोगी का निधन हुआ तब हुए विधानसभा उपचुनाव में अर्चना पोर्ते सहित अनेक भाजपा के नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के भी अनेक नेताओं ने उसे समय कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसी उपचुनाव मैं अर्चना पोर्ते के बाद ही अर्चना पोर्ते भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थी और इनाम स्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य बनाया गया था। इस तरह मरवाही का राजनीतिक रिकॉर्ड खंगाले तो यहां दल बदल कोई नई बात नहीं है यहां नेता लिबास से ज्यादा दल बदलते हैं।

कांग्रेस के बागी नेता गुलाब राज होंगे मरवाही से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के प्रत्याशी

मरवाही की अस्मिता की लड़ाई के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं- गुलाब राज

कांग्रेस छोड़कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे ज्वाइन करने वाले मरवाही के आदिवासी नेता तथा गोंड समाज के जिला अध्यक्ष गुलाब राज को छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे ने मरवाही से अपना प्रत्याशी बनाया है छजका ने इसकी अधिकृत रूप से घोषणा भी कर दी है। वही आदिवासी नेता गुलाब राज कांग्रेस पर आदिवासी कांग्रेसी नेताओं को अपमानित करने का आरोप लगाया। गुलाब राज ने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ज्वाइन कर ली है तथा नामांकन फार्म भी खरीद लिया है आगामी 30 अक्टूबर को वह छजकां की ओर से नामांकन फार्म भरेंगे। वह मरवाही की अस्मिता के लिए किसी हद तक जा सकते हैं यह विधानसभा चुनाव स्थानीय बनाम बाहरी का होगा

बीते 26 अक्टूबर को रायपुर के सागौन बंगले में मरवाही के धुरंधर आदिवासी नेताओं के साथ जाकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी पार्टी में प्रवेश लेने वाले आदिवासी नेता एवं गोंड समाज के अध्यक्ष गुलाब राज ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने सभी आदिवासी कांग्रेसी नेताओं के साथ जाकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रेणु जोगी एवं प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के सामने गुलाबी गमछा पहनकर पार्टी ज्वाइन कर लिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में मरवाही में सिर्फ एक व्यक्ति की ही चलती रही जिसके कारण आदिवासी कांग्रेसी नेता असंतुष्ट रहे। कांग्रेस पार्टी को उसे व्यक्ति के बारे में बार-बार बताने पर भी ध्यान नहीं दिया गया। मरवाही में 26 आदिवासी कांग्रेसी नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक थे तथा सभी डॉक्टर के के ध्रुव को कांग्रेस की टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे थे उसके बावजूद 26 में से किसी एक को भी योग्य नहीं माना गया तथा बाहरी प्रत्याशी डॉक्टर के के ध्रुव को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया जिसके कारण मैं चुनाव मैदान में हूं।

Akhilesh Namdeo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *