प्रदेश कांग्रेस कमेटी कहे तो मैं मरवाही से चुनाव लड़ने को तैयार हूं, पूरी दमदारी से चुनाव लड़ुंगा-नंद कुमार साय
कहीं भी महिलाओं और बच्चियों के साथ अनाचार दुर्भाग्य जनक घटना, इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए-नंदकुमार साय

अखिलेश नामदेव. गौरेला पेंड्रा मरवाही
वर्ष 2003 में मरवाही से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ कर तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी का राजनीतिक रास्ता रोकने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कहा है मरवाही से मेरा पुराना नाता रहा है यदि प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुझे मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ाती है तो मैं पूरी दमदारी से चुनाव लड़ुंगा। श्री साय ने कहा कि मणिपुर में विवाद काफी समय से चल रहा है इसे शुरू में ही देख लेना चाहिए था कि क्या मामला है।काफी विलंब कर दिया गया है। अब स्थिति बेकाबू की तरह सरकार की जिम्मेदारी है कि सबसे पहले वहां शांति बहाल करें। कहीं भी महिलाओं के साथ अनाचार दुष्कर्म होना गलत दुर्भाग्यपूर्ण है रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिजोरम से छत्तीसगढ़ को जोड़ना ठीक नहीं है।

कुछ महीने पूर्व ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रवेश करने वाले छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं नवनियुक्त
राज्य औद्योगिक विकास निगम अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मां नर्मदा और रतनपुर दर्शन करने जाने के पूर्व आज पेंड्रा पहुंचे और उन्होंने प्रेस क्लब भवन में माधव राव सप्रे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मिजोरम की घटना को लेकर चिंता जताई मिजोरम की घटना को लेकर नंदकुमार साय ने कहा कि छत्तीसगढ़(सुकमा) हो या मिजोरम कहीं भी महिलाओं बच्चियों के साथ अनाचार बलात्कार हो दुर्भाग्यपूर्ण है इसका विरोध होना चाहिए रोका जाना चाहिए, मणिपुर की घटना को छत्तीसगढ़ से जोड़ना ठीक नहीं, जनजाति वर्ग कूकी और मैकेई के मध्य हिंसा हो रही है मैंने प्रधानमंत्री को अपना अभिमत भेजा है कि सबसे पहले वहां फोर्स लगा कर हिंसा रोकी जानी चाहिए, उनकी मांगों पर बैठकर विचार किया जाना चाहिए रणभूमि पर इसका इलाज नहीं हो सकता, इसके बाद वहां बैठकर चर्चा करके उनकी मांगों पर विचार किया जाए और संविधान के अनुसार निर्णय लिया जाए। सरकार की ओर से विलंब हुआ जिसकी वजह से स्थिति बेकाबू की तरह हो गई है। सरकार की जिम्मेदारी है कि पहले वहां शांति बहाली करें।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ मंत्रियों के प्रभार और उप मुख्यमंत्री बनाने से कांग्रेस को चुनाव में होगा फायदा, ढाई ढाई साल का जो विवाद था वह भी एक वजह है।

प्रधानमंत्री के लगातार दौरे पर कहां मुझे लगता है प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ से बहुत प्रेम हो गया है।
बीजेपी की स्थिति प्रदेश में बहुत अच्छी नहीं, लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का मजबूत होना आवश्यक, मैंने बीजेपी में रहते हुए प्रदेश की लीडरशिप पर सवाल उठाए थे।

जिला मुख्यालय और गुरुकुल के मामले में सर्व आदिवासी समाज और पूर्व विधायकों के लगातार विरोध के साथ-साथ आदिवासी छात्रों के विरोध पर कहा कि सरकार की नोटिस में सब बातें जानी चाहिए। यहां जिले में जगह की कमी नहीं है।अन्यत्र कहीं कार्यालय बनाने के संबंध में विचार होना चाहिए।
