पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जायेगा नेता जी की जन्मतिथि

पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जायेगा नेता जी की जन्मतिथि

नेता जी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसा नाम एक ऐसी पहचान जिसको आज भी देश का बच्चा बच्चा जानता है ,देखा भले ही नहीं है पर उसके वीरगाथा को सुन के ही खुद को गौरवांन्वित महसूस करता है.देश की आजादी में अहम किरदार की भूमिका निभाने वाले नेता जी को आजादी के बाद बचा जीवन गुमनाम होके बिताना पड़ा.वजह तत्कालीन देश की कमान पाने वाले ब्रिटिश चटुकार अंग्रेजो से एक करार कर लिये थे नेता जी जिंदा या मुर्दा जो भी मिलेंगे आप को सौप दूंगा।

मौजूदा सरकार नेता जी को वह सम्मान देने जा रही जिस सम्मना के हकदार नेता जी थे.अफ़सोस अब तक की चाटुकारिता और दलाली वाली राजनीति माँ भारतीय के वीर सपूतों के बलिदानी को दरकिनार करते हुये चाटुकारिता में लिप्त रही.

महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले भारत सरकार ने बड़ा एलान किया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। संस्कृति मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। गौरतलब है कि नेताजी की 125वीं जयंती को केंद्र सरकार ने अब और भी ज्यादा भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इसे लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अगुआई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते सीके बोस का बयान आया है। उन्होंने कहा कि भारत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के कारण आज़ाद हुआ। काफी सालों से भारत की जनता नेताजी का जन्मदिन देश प्रेम दिवस के रूप में मना रही है। इस घोषणा से हम खुश हैं, लेकिन अगर भारत सरकार 23 जनवरी की देश प्रेम दिवस के रूप में घोषणा करती तो ज़्यादा उपयुक्त होता।

Akhilesh Namdeo