कांग्रेस संगठन चुनाव पर उठा सवाल: “वोट चोर गद्दी छोड़” नारे ने खोई धार — इकबाल सिंह का बड़ा बयान
“चुनाव प्रक्रिया प्रपंच में बदल गई” — पूर्व अध्यक्ष इकबाल सिंह ने पर्यवेक्षकों की भूमिका और जिलाध्यक्ष नियुक्ति पर उठाए सवाल
गौरेला पेंड्रा मरवाही

कांग्रेस संगठन चुनाव को लेकर आंतरिक असंतोष एक बार फिर खुलकर सामने आया है। नगर पंचायत पेंड्रा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता इकबाल सिंह ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि “वोट चोर गद्दी छोड़” जैसा नारा भी अब निष्प्रभावी हो गया है, क्योंकि संगठन का चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बजाय प्रपंच में बदलता दिख रहा है।

इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि हजारों समर्थकों के साथ मैदान में मौजूद प्रत्याशी मनोज गुप्ता और उत्तम वासुदेव की अनदेखी कर अचानक ग़ज़मती भानु को जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पारदर्शिता और आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों के विरुद्ध है

उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या कांग्रेस हाईकमान संगठन चुनाव के दौरान तैनात पर्यवेक्षकों सुबोधकांत और फूलोंदेवी नेताम के रवैये की जांच करेगा और क्या दोनों पर कार्रवाई या निलंबन संभव है?

इकबाल सिंह ने कहा कि संगठन चुनाव को निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाने की जिम्मेदारी पर्यवेक्षकों की होती है, लेकिन इस प्रक्रिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष पैदा किया है। उन्होंने इसे पार्टी के अंदर न्यायसंगत प्रक्रिया की “हार” बताते हुए कहा कि वर्तमान हालात में “वोट चोर गद्दी छोड़” जैसे नारों की भी अब कोई प्रभाव शीलता नहीं बची है।

