राजनीति के महारथी की विदाई
राजनीति बिना राजनेता के कोरी कल्पना मात्र होगीं, बिना राजनेता के राजनीति की कल्पना नहीं कर सकते है एक लोकतांत्रिक देश की आधारशिला यदि राजनीति है तो राजनेता उस देश की पहचान है. देश में आजादी के बाद बहुत से राजनेता राजनीति के पिच पर उतरे और जैसे जनता ने उनको नवाजा उस हिसाब से अपनी राजनीतिक पारी खेल के बिदा हो लिये. लेकिन कुछ राजनेता अपनी राजनीतिक पारी के बीच अपनी एक पहचान छोड़ गये राजनीति में अपने अस्तित्व की एक अमिट छाप छोड़ गये.
आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गये.अपने विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि मैं ‘उन चंद खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गए. जब मैं पाकिस्तान के हालात के बारे में पढ़ता हूं तो अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व महसूस करता हूं.’ आजाद ने कहा कि दुनिया देख रही है कि मुस्लिम मुल्क खुद ही कैसे आपस में लड़कर खत्म हुए जा रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने देश में पनपने वाले आस्तीन का सापों को भी आड़े हाथ लिया, जो पाकिस्तान से हमदर्दी जताते है.
विदाई पर पीएम मोदी हुए भावुक
गुलाम नबी आजाद की मंगलवार को राज्यसभा से विदाई के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद भावुक हो गए. मोदी ने पुराने दिनों को याद किया जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कश्मीर में हुईं आतंकी हमले में गुजराती पर्यटकों को निशाना बनाया गया था. मोदी जी ने कहा, “जब कश्मीर में गुजराती पर्यटकों आतंकी हमला हुआ, तो सबसे पहले गुलाम नबी आजाद ने ही मुझे इसकी सूचना दी थी और वे घटना की बात बताते बताते लगभग रो पड़े.”
#WATCH: PM Modi gets emotional while reminiscing an incident involving Congress leader Ghulam Nabi Azad, during farewell to retiring members in Rajya Sabha. pic.twitter.com/vXqzqAVXFT
— ANI (@ANI) February 9, 2021
मैं उन खुशकिस्मत हूं जो कभी पाकिस्तान कभी नहीं गया
मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो अभी तक पाकिस्तान की धरती पर कदम नहीं रखा. लेकिन जब मैं पाकिस्तान के अंदर के दयनीय दुर्दशा को पढ़ता तो मुझे गौरव महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं. बात जारी रखते हुये आजाद ने कहा, मैं आज कहूंगा कि विश्व में किसी मुसलमान को अगर गौरवान्वित होना चाहिए, वो अपने मुल्क हिंदुस्तान के मुसलमान को गौरवान्वित होना चाहिए. मैंने 30-35 सालों दुनियाभर के मुस्लिम देशों को देखा है, अफगानिस्तान से लेकर…ईराक तक और कुछ सालों से देखतें आ रहे है, किस तरह से मुस्लिम देश आपस में लड़ते हुये खत्म हो रहे हैं. ध्यान देने वाली बात वहां दूसरें मजहब के लोग तो नहीं है. ना ही वहां हिंदू नहीं हैं, वहां ईसाई भी तो नहीं हैं. जो लड़ाई कर रहा.. गौर करने वाली बात वों आपस में लड़ाई कर रहे.
यहां के मुसलमानों में वो बुराइयां नहीं…
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, दुनिया में पाकिस्तान के “हमदर्द तो बहुत हैं. सुनने में आया है मैं कभी गया नहीं. पाकिस्तान में जो बुराईया वों कहने की बात नहीं है. खैर किसी दूसरें देश के बारे में कुछ बोलना नहीँ चाहिए, लेकिन हम गौरव से ये कह सकते हैं कि हमारे भारतीय मुसलमानों में वो बुराइयां खुदा न करे कि कभी भी लाए.

