सैन्य अभ्यास कवच में दिखायेगी सेना अपना दमखम

भारतीय सेना सीमा की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है,चीन और पाकिस्तान के लगातार घुसपैठ को नाकाम करते हुये सेना अपनी ताकत को दर्शाने के लिये तीनों सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘कवच’ का आयोजन हो रहा इसमें देश के एकमात्र संयुक्त बल अंडमान-निकोबार कमान (एएनसी) के तहत अंडमान समुद्र तट और बंगाल की खाड़ी में कराया जा रहा है.इस सैन्य अभ्यास में भारतीय थल सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ भारतीय तटरक्षक बल भी शामिल है.
इस सैन्य अभ्यास में भारतीय वायु सेना से जगुआर मैरिटाइम स्ट्राइक और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ कोस्ट गार्ड के एसेस्ट्स भी हिस्सा ले रहे हैं. सैन्य अभ्यास की शुरुआत जगुआर एयरक्राफ्ट के मैरिटाइम स्ट्राइक और कार निकोबार पर पैरा कमांडो और मरीन कमांडो की कॉम्बेट फ्री फाल के साथ हुई.
कवच ट्रेनिंग प्रोग्राम में तीनों सेनाओं के विभिन्न तकनीकी, इलेक्ट्रॉनिक और मानवीय इंटेलिजेंस सहित संयुक्त इंटेलिजेंस निगरानी व सैनिक सर्वेक्षण (आईएसआर) अभ्यास का संचालन किया जाएगा.
अभ्यास के बारे में
- संयुक्त बल अंडमान सागर एवं बंगाल की खाड़ी में बहुक्षेत्रीय, उच्च मारक क्षमता तथा रक्षात्मक प्रणाली को कार्यान्वित करेगा. साथ ही जलस्थली लैंडिंग, एयर लैंडिंग संचालन, हेलिकॉप्टर से सुसज्जित समुद्र से लेकर भूमि तक विशेष बलों के संचालन के कार्य को पूरा करेगा.
- यह अभ्यास भारत की तीनों सेनाओं की संयुक्त युद्ध क्षमताओं को बेहतर करने के लिए है.
- कवच अभ्यास में समन्वित हवाई और समुद्री हमले, समुद्री निगरानी परिसंपत्तियों के समन्वित अनुप्रयोग, वायु रक्षा और लैंडिंग ऑपरेशन शामिल होंगे.
- कवच अभ्यास के साथ, संयुक्त खुफिया निगरानी टोही (ISR)अभ्यास भी आयोजित किया जाएगा. ISR खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमताओं को मान्य करेगा. साथ ही, यह अंतरिक्ष, भूमि, वायु और समुद्र से सूचना साझा करने की क्षमताओं को मान्य करेगा.
संयुक्त बल अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में बहुक्षेत्रीय, उच्च मारक क्षमता और रक्षात्मक प्रणाली को कार्यान्वित करेगा. तीनों सेनाओं के अभ्यास का लक्ष्य संयुक्त युद्धक क्षमताओं को बेहतर बनाना और संचालन संबंधी तालमेल बढ़ाने की दिशा में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करना है.
