सप्रे स्मृति महोत्सव

– पेंड्रा में आयोजित सप्रे महोत्सव में साहित्य-पत्रकारिता पर हुए आयोजित संगोष्ठी में विद्वानों ने रखे अपने विचार
– प्रदेश और देश के जाने-माने साहित्यकार हुए शामिल
गौरेला पेंड्रा मरवाही (अखिलेश नामदेव)
जिला प्रशासन गौरेला पेंड्रा मरवाही के सहयोग से श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर द्वारा मूर्धन्य साहित्यकार स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे की 152वीं जयंती के अवसर पर आयोजित व्याख्यान और विचार संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से आए साहित्यकारों एवं विद्वानों ने पंडित माधव राव सप्रे के अवदानों पर अपने ज्वलंत विचार रखे।
19 जून को पेंड्रा के नवनिर्मित प्रेस क्लब परिसर में स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में रांची (झारखंड) से आए साहित्यकार रविभूषण, दिवाकर मुक्तिबोध रायपुर, श्री सुदीप ठाकुर नई दिल्ली, श्री अच्युतानंद मिश्र कोच्ची (केरल) और विश्वेश ठाकरे रायपुर, श्री वेदचंद जैन, श्री अक्षय नामदेव, अजित गहलोत शामिल हुए। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया स्वागत उद्बोधन में ज़िले में विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। सप्रे स्मृति महोत्सव में भारतीय नवजागरण और समकालीनता, आंचलिक पत्रकारिता और दायित्वबोध विषयों पर व्याख्यान और विचार गोष्ठी हुई।
महोत्सव के द्वितीय सत्र में पत्रकारिता एवं दायित्व बोध पर वरिष्ठ पत्रकार अजीत गहलोत ने आंचलिक पत्रकारिता एवं दायित्व बोध को परिभाषित किया। वही साहित्यकार एवं अध्यापक अक्षय नामदेव आंचलिक पत्रकारिता एवं दायित्व बोध के संबंध में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता जीविकोपार्जन का साधन नहीं है इसमें समर्पण एवं त्याग तपस्या की आवश्यकता है। शोषित पीड़ित मानवता की सेवा करने का दायित्व पत्रकारों पर ही है वही अपना दामन उजला रखने का दायित्व भी उन पर है ऐसे में पत्रकारों के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं।
पत्रकार वेद चंद जैन ने जो बात तुझमें है किसी और में नहीं कविता के माध्यम से क्षेत्र की विशेषताओ से श्रोताओं को अवगत कराय तथाअपने जलन विचार रखें। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता साहित्यकार दिवाकर मुक्तिबोध ने की एवं संचालन वरिष्ठ पत्रकार विश्वेश ठाकरे ने किया। विचार गोष्ठी को संपन्न कराने में श्रीकांत वर्मा सृजन पीठ के रामकुमार तिवारी एवं सदस्यएवं पेंड्रा के पत्रकार अखिलेश नामदेव,शरद अग्रवाल, दुर्गेश सिंह बिसेन सत्य नारायण पांडे, मुकेश विश्वकर्मा , उज्जवल तिवारी आकाश सिंह पवार सहित जिले के साहित्यकारों एवं पत्रकारों ने अपना योगदान दिया।
