5% का बढ़ा हुआ डीए खैरात से ज्यादा कुछ नहीं-संयुक्त मोर्चा

5% का बढ़ा हुआ डीए खैरात से ज्यादा कुछ नहीं-संयुक्त मोर्चा

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा करेगा 7 जुलाई को एकदिवसीय सामूहिक अवकाश हड़ताल पर अडिग

अखिलेश नामदेव रायपुर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ कैबिनेट द्वारा छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों को 5% डी ए की घोषणा किए जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा 7 जुलाई को सामूहिक अवकाश एवं हड़ताल पर अडिग रहने का निर्णय लिया है । छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने इसे खैरात से ज्यादा कुछ नहीं बताया है। संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों की हड़ताल को देखते हुए छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने कर्मचारियों को 5% डीए देने की घोषणा तो की है परंतु
छठवे वेतनमान के आधार पर देय गृह भाड़ा भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केन्द्रीय दर पर पुनरीक्षित करने सहित 5 सूत्रीय मांग को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है जिससे छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा अपने आंदोलन के निर्णय पर अडिग है तथा पूर्व कार्यक्रम के अनुसार 7 जुलाई को एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे और इसके बाद भी शासन द्वारा मांगे पूरी नहीं होने पर 1 अगस्त 2023 से प्रदेश के समस्त अधिकारी कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

चुनाव वर्ष में चुनावी आचरण संहिता लागू होने के पूर्व कर्मचारी अधिकारियों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए तमाम तरह के संगठनात्मक मतभेद को भुलाते हुए एक मंच पर आकर 7 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल करने का अल्टीमेटम सरकार को दे रखा है। फेडरेशन एवं महासंघ के नेता इस एक दिवसीय सामूहिक अवकाश हड़ताल को सफल बनाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं जिसकी परिणति रही कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 6 जुलाई को छत्तीसगढ़ कैबिनेट की जो बैठक हुई उसमें कर्मचारियों को 5% महंगाई भत्ता देने की घोषणा की गई है । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा गौरेला पेंड्रा मरवाही के मुख्य नेता डॉक्टर संजय शर्मा, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, विश्वास गोवर्धन, दिनेश राठौर जितेंद्र श्रीवास के बीच आकाश राय खेमराज सिंह राहुल जयसवाल अक्षय नामदेव केबी दीक्षित एमपी रौतेल प्रीतम कोसले जन भान सिंह पैकरा सतीश ढाकरिया कविता शर्मा ने जिले के सभी अधिकारी कर्मचारियों से अपील की है कि आज हुई महंगाई भत्ता की घोषणा से आंदोलन की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ा है तथा कल 7 जुलाई को सभी अधिकारी कर्मचारी ज्योतिपुर गौरेला स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाएं क्योंकि जिन मांगों को लेकर सरकार को आंदोलन में जाने का अल्टीमेटम दिया गया उनमें से बाकी किसी मांग पर विचार ही नहीं किया गया है ऐसे में सिर्फ 5% महंगाई भत्ता की घोषणा खैरात में ज्यादा कुछ नहीं है।

उल्लेखनीय है कि बीते लगभग साढ़े चार साल के अंदर छत्तीसगढ़ के विभिन्न धड़ों में बंटे अधिकारी कर्मचारियों तथा शिक्षकों के संगठन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।। अधिकारी कर्मचारी संगठन चाहते थे कि कांग्रेश चुनाव के समय जो घोषणा पत्र में वादे किए थे उसे पूरा कर दे परंतु छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव जीतने के पहले साल कर्मचारियों की मांग को यह कह कर टाल दिया था कि यह साल किसानों के बोनस संबंधी मांग को पूरा करने का है उसके बाद से छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अधिकारियों की मांग लंबित ही रही है जिसके बाद आप छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारी अधिकारियों ने एकता बनाते हुए संयुक्त मोर्चा बनाकर सरकार पर दबाव बनाया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा बनाकर सरकार से अपनी मांगे पूरी कराएं। इन मांगों के लिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आगामी 7 जुलाई को एकदिवसीय सामूहिक हड़ताल करने जा रही है जिससे पूरे प्रदेश के शासकीय कार्यालय कोर्ट कचहरी स्कूल कॉलेज इत्यादि बंद हो जाएंगे सरकार के समक्ष जो मांगे रखी गई है उनमें सबसे प्रमुख मांग केंद्र के समान लंबित महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के आधार पर गृह वाले भक्तों का परीक्षण किया जाए। दूसरी प्रमुख मांग राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जावे। तीसरी प्रमुख मांग
प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगो को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जावे। चौथी प्रमुख मांग कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमश: 08, 16, 24 एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत किया जावे एवं अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित किया जावे। तथा पांचवी प्रमुख मांग
पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जावे एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जाए।

Akhilesh Namdeo

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