स्कूल की बाउंड्री वाल तोड़कर कथित भूस्वामी द्वारा कब्जा किए जाने से मचा बवाल…

स्कूल की बाउंड्री वाल तोड़कर कथित भूस्वामी द्वारा कब्जा किए जाने से मचा बवाल…

स्कूल प्रबंधन छात्रों जनप्रतिनिधियों एवं नगर पंचायत प्रतिनिधियों में है जमकर आक्रोश

तोड़ी गई बाउंड्री वाल का पुनर्निर्माण करेगा नगर पंचायत पेंड्रा

अखिलेश नामदेव गौरेला पेंड्रा मरवाही

पेंड्रा- मरवाही मुख्य मार्ग में स्थित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पेंड्रा की जिस बाउंड्री को कथित भूमि स्वामी ने तोड़ कर जमीन पर कब्जा किया था उस जमीन पर यथास्थिति कायम करने स्कूल जनभागीदारी एवम नगर पंचायत सामने आया है।नगर पंचायत पेंड्रा तोड़ी गई दीवाल को 29 जून से बनाने जा रहा है। पेंड्रा नगर की प्रतिष्ठित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला की बाउंड्री वाल तोड़कर कब्जा किए जाने के बाद पेंड्रा शहर में बवाल मचा हुआ है।

इस संबंध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मनेंद्रगढ़ निवासी किशोर अग्रवाल पिता श्री हरि प्रसाद अग्रवाल, फहीम खान एवं अन्य के द्वारा पेंड्रा स्थित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर की बाउन्ड्री वाल को तोड़ कर हाई स्कूल परिसर में स्थित शिव मंदिर के बगल की लगभग 38 डिसमिल भूमि पर तार एवं खंभा लगाकर कब्जा कर लिया था जिसके बाद 26 जून को शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा के प्राचार्य द्वारा पेंड्रा थाने में बाउंड्री वाल तोड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने हेतु आवेदन दिया गया था तथा नगर पंचायत पेंड्रा को सूचित कर तोड़ी गई बाउंड्री वॉल बनाने का अनुरोध किया गया था ‌। पेंड्रा अंचल की की प्रतिष्ठित सबसे पुराने विद्यालय शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला जो अब स्वामी आत्मानंद स्कूल में परिवर्तित हो गया है उसकी बाउंड्री वाल तोड़े जाने और लगभग 100 * 140फिट जो लगभग 38 डिसमिल है पर कब्जा किए जाने से इस विद्यालय में पढ़ने वाले पूर्व-छात्र एवं नगर वासियों में काफी आक्रोश देखा गया तथा इसकी परिणीति स्वरूप विद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष शंकर पटेल एवं नगर पंचायत परिषद अध्यक्ष राकेश जालान पार्षद रमेश साहू एवं नगर पंचायत परिषद के सभी पदाधिकारियों ने नगर के जनप्रतिनिधियों एवं छात्रों के साथ जाकर कथित भूमि स्वामी द्वारा लगाए गए खंभों एवं तार को तोड़कर गिरा दिया था । इस घटनाक्रम के बाद अब नगर पंचायत पेंड्रा कथित गोस्वामी द्वारा जबरन तोड़े गए हाई स्कूल की बाउंड्री वाल का पुनर्निर्माण 29 जून को करने जा रहा है जिसमें पेंड्रा नगर के सभी दलों के जनप्रतिनिधियों पार्षदों छात्रों पूर्व छात्रों इत्यादि का समर्थन है। यहां पर उल्लेखनीय है कि कथित भूमि स्वामी हाईस्कूल की जिस जमीन पर बीते 24 जून को जबरन दीवार तोड़कर कब्जा करने की कोशिश की है वह बाउन्ड्री वाल 5 दशक से ज्यादा पुरानी है एवं परिसर के अंदर शासन द्वारा कई प्रकार के कार्य जैसे चबूतरा, सी.सी.रोड, साइकल स्टेण्ड का निर्माण किया गया हैं। इसके अलावा कृषि संकाय के छात्र उस क्षेत्र में अपना प्रयोगिक एवं प्रोजेक्ट का कार्य करते आ रहे है। साथ ही अन्य विद्यार्थी उक्त जगह पर जाकर खेलकूद करते हैं।

दानदाताओं द्वारा दान की गई जमीन पर बना है स्कूल, कथित भूमि स्वामी के पूर्वजों की जमीन हुई थी अधिग्रहित मिला है मुआवजा

पेंड्रा के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला परिसर की जिस भूमि में कथित भूमि स्वामी द्वारा 38 डिसमिल भूमि पर कब्जा किया गया है उसके पूर्वज मदनलाल पिता श्रीनिवास कि लगभग 10 एकड़ भूमि तत्कालीन मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 1956 के आसपास अधिग्रहण किया था तथा वर्ष 1974 के आसपास उन्हें लगभग 4लाख 51 हजार रुपए शासन द्वारा मुआवजा भी दिया गया था। स्कूल की स्थापना से जुड़े एवं भूमि से जुड़े जानकारों के अनुसार उस समय पेंड्रा के अनेक प्रतिष्ठित लोगों ने स्कूल की स्थापना के लिए अपनी जमीने दान की थी और
जिन लोगो ने अपनी जमीन को दान दिया उनकी जमीन हाई स्कूल के नाम में चढ़ाई गई और आज भी स्कूल के नाम में ही दर्ज है किशोर अग्रवाल के पूर्वजों ने
अपनी जमीन को दान में नही दिया था उनकी जमीन को शासन ने अधिग्रहण किया और मुआवजा दिया इसलिए इसकी जितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया वो सब जमीन आबादी के रूप में शासन के नाम में दर्ज हुई। अभी जो 38 डिसमिल ज़मीन किशोर अग्रवाल के नाम पर आई पूर्वजों के प्रति नामांतरण के बाद आई है जो मदन लाल पिता श्रीनिवास के नाम में दर्ज थी। उक्त 38 डिसमिल जमीन इसके नाम में इसलिए बच गई तथा जिसका अधिग्रहण नहीं किया गया था उसका कारण शिव मंदिर और बावड़ी रहा जो मुख्य मार्ग में उस जमाने में राहगीरों के रुकने की व्यवस्था के लिए छोड़ दिया गया था और उसी तकनीकी भूल का फायदा उठाते हुए किशोर अग्रवाल अपने पूर्वजों के नाम पर दर्ज उक्त 38 डिसमिल भूमि का फौती नामांतरण 2 साल पहले ही कराया है और बीते 4 साल से कब्जा करने के लिए प्रयासरत रहा है और अंततः उसने अभिलेखों में दर्ज नाम के आधार पर उक्त भूमि पर 24 जून को कब्जा किया गया। इस जमीन को पाने के लिए वह हाई कोर्ट बिलासपुर तक जा चुका है।पुष्ट जानकारी के अनुसार किशोर अग्रवाल द्वारा अपने नाम पर आई 38 डिसमिल भूमि में से 9.5 डिसमिल भूमि अपने परिजन के नाम बीते 23 जून को रजिस्ट्री भी कर चुका है ऐसे में अब जरूरी है कि उक्त खसरा नंबर की जमीन पर हो रही रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाए। भूमि से जुड़े जानकार बताते हैं कि जिस 38 डिसमिल भूमि पर किशोर अग्रवाल द्वारा कब्जा किया गया है उसके सामने 10 डिसमिल जमीन शासन की ही है।

शाला स्थापना के समय योगदान करने वाले सम्मानीय सदस्य

भाजपा शासनकाल में ही कब्जे की पृष्ठभूमि तैयार हो गई थी

शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा की बेशकीमती इन जमीनों पर पहले से ही कब्जा करने की प्लानिंग चल रही थी। भाजपा शासनकाल में स्कूल की बाउंड्री वॉल के लिए जब मुख्यमंत्री सशक्तिकरण योजना का पैसा आया था तब कुछ लोगों ने मिलीभगत करके स्कूल की बाउंड्री वाल सामने से नहीं बनने दी और ग्राउंड की ओर बाउंड्री वाल बना दी गई यदि उस समय जब बाउंड्री वॉल के लिए पैसा स्वीकृत हुआ था तब सामने से बाउंड्री वाल बनाई जाती तब स्कूल की भूमि को लेकर समस्या नहीं उत्पन्न होती।

Akhilesh Namdeo

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