सेना को बड़ा तोहफ़ा देने की तैयारी

सेना को बड़ा तोहफ़ा देने की तैयारी

भारतीय सेना को जब से मोदी सरकार का नेतृत्व मिला है, सेना के हौसलों पर चार चाँद लगते जा रहे हैं. वजह, मोदी सरकार सेना की शक्ति में बराबर कुछ न कुछ इज़ाफा करती रहती है. किसी भी सेना की ताकत उसका हथियार होता है. दुश्मनों को मुँहतोड़ जवाब देने का एक तरीका अपनी मारकक्षमता को बढ़ाते रहना चाहिये, अपनी शक्ति में इजाफ़ा करने से दुश्मन देश के हौसले पस्त होते हैं, जिससे सामरिक दृष्टि से देश की छवि विश्व स्तर पर एक शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित होता है.

सरकार की बड़ी डील

मोदी सरकार सेना को बड़ा तोहफ़ा देने जा रही है, अब सरकार वायुसेना के लिये राफेल, और तेजस के बाद वायुसेना 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमानों की खरीद की तैयारी कर रही है. इस डील की लागत 1.3 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

हाल ही में मोदी सरकार ने तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद को हरी झंडी दी थी. अब वायुसेना 114 और लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रही है. आगामी एयरो इंडिया शो में 83 तेजस लड़ाकू विमानों से जुड़ी डील होने की उम्मीद है. तेजस एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी एक हल्का लड़ाकू विमान है. 83 तेजस मार्क 1A विमानों की खरीद के लिए केंद्र सरकार ने 50000 करोड़ की डील को मंजूर किया है. सूत्रों के अनुसार ये तेजस विमान धीरे-धीरे हटाए जाने वाले मिग-21 के 4 स्कॉड्रन की जगह लेंगें.

वहीं इसके बाद भारतीय वायुसेना अब 114 और लड़ाकू विमानों की खरीद की तैयारी कर रही है. 1.3 लाख करोड़ की इस खरीद के लिए वायुसेना ने रिक्वेस्ट फॉर इंफर्मेशन (RFI)पहले ही जारी कर दिया है. दुनियाभर की कई कंपनियों ने इस सौदे पर रूचि दिखाई है. अमेरिका, रूस, फ्रांस, स्वीडन जैसे देशों की दिग्गज कंपनियों ने RFI जारी होने के बाद इस डील को लेकर उत्सुकता दिखाई है.

भारत का तेजस चीन के JF-17 से बेहतर

अमेरिकी कंपनी की ओर से F-15 स्ट्राइक इगल, F-18 सुपर हॉर्नेट, और F-16 का ही एक वेरियंट F-21 ऑफर किए जा रहे हैं. रूस की कंपनी मिग-21 और सुखोई की डील को लेकर बात कर रही है, वहीं स्वीडन की साब ग्रिपेन फाइटर एयरकाफ्ट को लिए बात कर रही है.

आपको बता दें कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया राफेल को 114 विमानों के इस नए सौदे के लिए प्रबल दावेदार बता चुके हैं. आपको बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील को लेकर पहले ही समझौता हो चुका है. कई राफेल विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो भी चुके हैं.

FA-18 ही नहीं, बोइंग भारत को ऑफर करेगा F-15EX लड़ाकू विमान, अमेरिका की मिली मंजूरी

आपको बता दें कि वायुसेना इस डील के लिए रक्षा मंत्रालाय से जल्द ही एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) लेने के लिए प्रस्ताव देने की तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि लड़ाकू विमानों को लेकर होने वाल समझौते में मेड इन इंडिया और टेक्नॉलजी ट्रांसफर की भी शर्त रहेगी.

Akhilesh Namdeo