शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि
अगर हम आज अपने घर में सुरक्षित हैं, तो उसका सबसे बड़ा कारण सरहद पर मां भारती की रक्षा करने वाले देश के वीर सपूत ही हैं. हमारे देश के वीर जवान हैं. मौसम कोई भी हो, हालात जैसे भी हो, वक्त का पहर कैसा भी हो, राजस्थान की तपती रेतीली भूमि हो या फिर सियाचिन के ग्लेशियरों के बीच जम जाने की दशा, इन हालातों से लड़ते हुए हमारी रक्षा करने वाले देश के वीर जवानों एवं देश के ऊपर अपने प्राणों का बलिदान करने वाले शहीदों का हम देशवासी ताउम्र कर्जदार एवं आभारी रहेंगे.
बड़ा दुःख होता है जब इन सैनिकों के ऊपर कोई आतंकी हमला होता है, उन हमलों में देश के अस्तित्व की रक्षा करते हुए माँ भारती के सपूतों को अपने प्राण गवांने पड़ते हैं. उससे भी बड़ा दुःख तब होता है, जब उन शहीदों की लाशों के ऊपर धूर्त राजनीतिक पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती हैं.
हम देशवासी मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी सपूतों का आजीवन कर्जदार है.
ऐ मेरे वतन के लोगों
जरा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुये हैं उनकी
जरा याद करो कुर्बानी
साल 2019 तारीख 14 फरवरी समय दोपहर के करीब 3:30 बजे
रोज की तरह उस दिन भी जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सब कुछ सामान्य सा था. 2500 जवानों का एक काफिला 78 बसों में होकर गुजर रहा था. घाटी में आतंकवादी गतिविधियां हो रही थी. सेना वाकिफ थी. सतर्क थी, पुख्ता इंतजाम भी था. लेकिन इतनी बड़ी आतंकी हमले की कोई आशंका नहीं थी. दोपहर के करीब 3:30 बजे होंगे. जैसे ही सीआरपीएफ जवानों का काफिला पुलवामा पहुंचा, रॉंग साइड से एक एसयूवी गाड़ी सामने से आकर काफिले की एक बस को सीधी टक्कर मारती मार देती है. सीआरपीएफ के जवान कुछ समझ पाते, उससे पहले एक बहुत बड़ा हादसा हो चुका था. टक्कर इतनी जोरदार थी कि जवानों की तो बात छोड़ो, बस के भी चिथड़े उड़ गये. आगे और पीछे और जितनी बसों में जवान मौजूद थे, जब तक इस मामले को समझ पाते, उससे पहले आतंकी ताबड़तोड़ गोली चलाना शुरू कर देते हैं.
उसी दिन से 14 फरवरी देश के इतिहास में काला दिन के नाम से दर्ज हो गया. सीआरपीएफ के जवान तुरंत मुस्तैद हुए. अपना पोजीशन लिया और काउंटर फायरिंग शुरू कर दी. सीआरपीएफ जवानों की अंधाधुंध फायरिंग को देखकर आतंकी वहां से भाग उठे. धमाका बहुत जोरदार था, कुछ समय के लिए सब कुछ धुँआ-धुँआ सा हो गया. थोड़ी देर बाद जब धुँआ हटा, तो वहां का दृश्य बहुत ही भयावह था. दृश्य को देखकर पूरा देश रोया.
उस दिन पुलवामा में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जवानों के शव पेड़ के पत्तों की तरह बिखरे पड़े थे. बरसात में जिस तरीके से सड़कों पर बारिश की बूंदे फैली रहती है उसी तरीके से जवानों के खून रोड पर बिखरे पड़े थे. साथ के सीआरपीएफ के जवान अपने साथियों की खोज में जुट गए. पूरे देश में हाहाकार मच गया, क्योंकि तब तक हमारे देश के 40 वीर सपूत शहीद हो चुके थे.
कई जवान तड़प रहे थे. घायल अवस्था में थे. सेना ने बचाव कार्य शुरू किया और तुरंत ही अस्पताल ले जाने की व्यवस्था का इंतजाम किया गया. बचाव कार्य और सर्च ऑपरेशन दोनों एक साथ शुरू किया गया. इस हमले को अंजाम देने वाला आतंकी हमलावर आदिल अहमद दार था. आदिल अहमद दार ही एसयूवी को चला रहा था, जिसमें विस्फोटक भरा पड़ा था. उसने खुद को इस हमले में भी उड़ा लिया. घटना के तुरंत बाद पूरे देश में शोक की लहर उठ गई.
पूरा देश शोकागुल हो गया. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश- ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी खुद ब खुद ले ली. इस घटना ने देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया. सबकी जुबां पर बस एक ही नाम था, पुलवामा आतंकी हमला और सभी देशवासी का दिल बदले की भावना से सुलग रहा था.
सभी देशवासियों की यही मंशा थी कि आतंकियों से किसी भी तरीके से बदला लिया जाए. मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही थी. वहीं विपक्ष सरकार पर चुनावी लाभ के लिए खुद ही हमला कराने का आरोप मढ़ रहा था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए हमले के जिम्मेदार लोगों को सबक सिखाने की बात कही थी.
आखिरकार ऐसा हुआ भी. भारतीय सेना ने पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश- ए-मोहम्मद को अपना निशाना बनाया. 26 फरवरी 2019 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर वायुसेना का एक एयर स्ट्राइक किया. एयर स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकाने को पूरी तरीके से तहस-नहस कर दिया, इस हमले में करीब 300 आतंकी के मारे जाने का अनुमान है. पाकिस्तानी सेना और भारत की विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इसका खंडन किया. इसकी पुष्टि इसी वर्ष पूर्व पाकिस्तानी डिप्लोमैट ज़फर अली हिलाली ने एक टेलीविज़न शो के दौरान की.
#WATCH 300 Casualties In Balakot Airstrike By India, Says Former Pak Diplomat.
Zafar Ali Hilaly regularly takes the Pakistan Army side in TV debates but he admitted this.#volftv #Pakistan #India #Kashmir #JK #News #IndianArmy #PakistanArmy #ZafarHilaly #AghaHilaly #Balakot pic.twitter.com/lUmkq58IYz
— The Voice Of Liberty® (@VOLFdotTV) January 9, 2021
इस तरह भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर पुलवामा अटैक का बदला लिया और दुनिया में अपनी धाक जमाई.

