कार दुर्घटना में घायल शिक्षिका सोनल तिवारी की इलाज के दौरान मौत , अपोलो अस्पताल में तोड़ा दम,पेंड्रा-कोटमी मार्ग पर स्कूल जा रही शिक्षिका प्राची “सोनल” तिवारी की सड़क हादसे में मौत
इलाज के दौरान अपोलो अस्पताल बिलासपुर में ली अंतिम सांस, नगर में शोक की लहर
अंतिम यात्रा नया बस स्टैंड मुुक्ति धाम के लिए कल बुधवार को सुबह 10 बजे निकलेगी

गौरेला पेंड्रा मरवाही
जिले में आज सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। पेंड्रा कोटमी मार्ग पर दुबटिया कुदरी के बीच स्कूल जा रही शिक्षिका प्राची “सोनल” तिवारी की कार अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उन्हें तुरंत अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान 28 अक्टूबर की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
पेंड्रा निवासी सोनल तिवारी जो की अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद स्कूल कोटमी कला में पदस्थ थी। दीपावली के अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर वह प्रतिदिन की तरह स्कूल जा रही थीं, तभी दुबटिया एवं कुदरी के बीच अचानक उसकी कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकरायी। हादसे में उसकी कार क्षतिग्रस्त हो गयी और शिक्षिका सोनल तिवारी को गंभीर चोटें आईं। उनकी असमय मृत्यु से परिजनों पेंड्रा नगर सहित शिक्षक समाज और विद्यार्थियों में गहरा शोक है।

प्राची “सोनल तिवारी” की सड़क दुर्घटना में मृत्यु से तिवारी परिवार पर बड़ा वज्रपात, घर में मातम पसरा
उल्लेखनीय है कि पेंड्रा में इन दोनों 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य की भागवत कथा का आयोजन किया गया है। इस पूरे भागवत कथा के मुख्य सूत्रधार सोनल तिवारी के सगे चाचा प्रदीप तिवारी है तथा इस भागवत कथा में सोनल के दादाजी शिव शंकर तिवारी मुख्य यजमान थे ऐसे में सोनल की सड़क दुर्घटना में मृत्यु से पूरे परिवार पर वज्रपात हो गया है तथा घर का धार्मिक वातावरण शोक में बदल गया है। सोनल तिवारी के पिता कुंडली प्रसाद तिवारी बिलासपुर स्थित शासकीय महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक हैं।सड़क दुर्घटना में हुई शिक्षिका सोनल तिवारी की मौत से श्रद्धालुओं और कथा आयोजन समिति के लिए भी अत्यंत दुखद है तथा पूरे नगर में शोक का वातावरण है।

“विधि करतब कछु जाई ना जाना”
कहते हैं विधि के विधान को कोई भी नहीं समझ सकता। इतने बड़े भागवत के कार्यक्रम के मुख्य कार्यकर्ता एवं यजमान होने के कारण पेंड्रा के तिवारी परिवार में हंसी-खुशी एवं धार्मिकता का वातावरण बना हुआ था। इस कार्यक्रम के आयोजन के लेकर परिवार में जबरदस्त उत्साह था परंतु यह उत्साह हा कैसे मातम में बदल गया इसे लेकर सभी हतप्रभ है। सोनल तिवारी , तिवारी परिवार के सबसे बड़े बेटे प्रोफेसर कुंडली तिवारी की सुपुत्री थी जो शुरू से होनहार थी। भागवत कथा की खुशियां एवं घर के धार्मिक माहौल के बीच में सोनल तिवारी की सड़क दुर्घटना में हुई मृत्यु से सब कुछ उलट-पुलट हो गया तथा खुशियां मातम में बदल गई। सच ही है विधि के विधान को कोई नहीं जान सकता।
श्री रामभद्राचार्य की भागवत कथा चौथा दिन 28 अक्टूबर को भी रही जारी
यहां पर बताना जरूरी है कि श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के मुख्य यजमान शिव शंकर तिवारी की नातिन सोनल तिवारी की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बावजूद जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज की भागवत कथा चौथे दिन 28 अक्टूबर को भी जारी रही। 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के संबंध में स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज पहले दिन से ही कहते रहे हैं कि यह भागवत कथा नक्सलवाद एवं आतंकवाद से मृत हुई लोगों की आत्मा की शांति के लिए आयोजित की गई है। सोनल तिवारी की 28 अक्टूबर की सुबह सड़क दुर्घटना से हुई मौत के बाद नगर में इस बात को लेकर चर्चा होती रही की क्या यह कथा इस दुर्घटना के कारण रोक दी जाएगी परंतु अनुमानों के विपरीत स्वामी रामभद्राचार्य जी की भागवत कथा चौथा दिन भी जारी रही।

