जिले के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने मानवता की मिसाल कायम की

हिंसक भालू के हमले से घायल एम्स रायपुर में मौत से जूझ रही सुनीता की मदद के लिए लोग सामने आए

सभी विभाग के कर्मचारी एवं शिक्षक खुलकर कर रहे हैं सुनीता के पिता की आर्थिक मदद

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्राम नाका की मासूम आदिवासी बालिका सुनीता का एम्स में चल रहा इलाज

अखिलेश नामदेव गौरेला पेंड्रा मरवाही

कहते हैं डूबते को तिनके का भी सहारा बहुत होता है, तथा बूंद -बूंद से गागर भरता है। ऐसे ही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के शिक्षक एवं कर्मचारी छोटी-छोटी राशि की मदद करके भालू के हमले से घायल आदिवासी बेटी सुनीता के पिता को संबल देने का प्रयास कर रहे हैं। मदद की राशि बड़ी है की छोटी यह मायने नहीं रखती मायने रखती है मदद करने की भावना जो अभी भी इस समाज में जीवित है ।यही है मानवता और यही है मानवता की मिसाल

दरअसल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के वनांचल ग्राम नाका में रहने वाली आदिवासी बालिका सुनीता बीते 24 अक्टूबर को दशहरे के दिन दोपहर 12:00 बजे अपने घर की बाड़ी के पास भालू से हमले में घायल होने के बाद जीवन मृत्यु से जूझ रही है। उसकी एक आंख सहित दांया चेहरा क्षत -विक्षत हो चुका है शरीर के दूसरे अंग में भी भालू के हमले से गहरे घाव बन गए है है।मासूम सुनीता दशहरे की दोपहर अपने घर के पीछे बड़ी से लौट रही थी तभी उसे पर एक बच्चों वाली हिंसक मादा भालू ने हमला कर दिया था इसके बाद उसे पहले मरवाही बाद में जिला चिकित्सालय गौरेला पेंड्रा मरवाही तथा बिलासपुर एवं वहां से एम्स रायपुर रिफर कर दिया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।

गरीब आदिवासी परिवार की बेटी सुनीता कक्षा सातवीं की छात्रा की मदद के लिए मीडिया की अपील काम आई

मिडिल स्कूल नाका में कक्षा सातवीं में अध्यनरत 12 वर्षीय सुनीता गरीब गोंड़ आदिवासी परिवार की सबसे छोटी बेटी है। उसके पिता ईश्वर सिंह गौड़ गांव के लघु कृषक हैं जिनकी तीन बेटियां क्रमशः मालती,मोहनी औरसुनीता है। छोटे किसान होने के कारण ईश्वर सिंह गोंड़ खेती किसानी के अलावा मजदूरी भी करते हैं तब कहीं परिवार का किसी तरह से पालन पोषण हो पता है। सुनीता के पिता की खराब स्थिति की जानकारी मीडिया को होने पर मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुए मदद की अपील की जिसका असर यह रहा की बड़ी संख्या में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के विभिन्न विभागों के कर्मचारी एवं शिक्षकों ने छोटी-छोटी राशि सुनीता के पिता के खाते में डालनी शुरू की। सुनीता को मदद दिलाने में उसके विद्यालय के शिक्षक जहीर अब्बास भी सेतु का काम करते हुए आगे आए और इस तरह लोगों की मदद सुनीता के पिता तक पहुंच रही है।
छोटी-छोटी इस मदद से सुनीता के परिवार को काफी संबल मिला है लोग सुनीता के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। मीडिया की यह अपील की आपकी छोटी सी आर्थिक मदद सुनीता की जिंदग की खुशियां लौटने में सहायक हो सकती है डूबते को तिनके का सहारा का काम कर रही है। आपसे अपील है कि पीड़ित छात्रा सुनीता के पिता ईश्वर सिंह का खाता नंबर है, जिसमे आप अपनी मदद सहायता राशि भेज सकते हैं।
ईश्वर सिंह (ESHWAR SINGH)
Account number 34763697078
SBI MARWAHI
IFSC code SBIN0006900

मदद करने के बाद आप सुनीता के पिता ईश्वर सिंह गौड़ निवासी नाका से जो अभी रायपुर एम्स में है से मोबाइल नंबर पर 91114 83793 बात कर सकते हैं।

Akhilesh Namdeo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *