बिगड़े जीवन को बना दे और परमात्मा में आस्था जगा दे ऐसी होती है कथा -जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य

श्रीमद् भागवत कथा 31 अक्टूबर तक हाई स्कूल मैदान पेंड्रा में चलेगी

कथा वह होती है जिसे सुनने के बाद परमात्मा में आस्था जाग जाए। कथा बिगड़े जीवन को सुधार देती है।

गौरेला पेंड्रा मरवाही

भगवत कथा का दूसरा दिन

उक्त उद्गार जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने पेंड्रा के हाई स्कूल मैदान में नक्सलवाद एवं आतंकवाद से मृत शहीदों की आत्माओं की शांति के लिए आयोजित दिव्य श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन 26 अक्टूबर को श्रद्धालु जनों के बीच व्यक्त किये। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि यह भागवत कथा भारत के ऐसे प्रदेश में आयोजित हो रही है जहां माता कौशल्या का मायका है तथा जिन्होंने भगवान राम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम को जन्म दिया। उन्होंने भागवत कथा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया कि यह भागवत कथा 26 प्रकार के पापियों का उद्धार कर देती है। उन्होंने अलग-अलग तरह के पाप कर्म करने वाले लोगों का उधर करने के लिए 24 अवतारों की कथा एवं दो अवतारियों भगवान राम एवं भगवान श्री कृष्णा का उल्लेख करते हुए कहा कि भागवत में भगवान के 26 स्वरूपों की चर्चा की गई है। श्रीमद् भागवत महापुराण एवं भागवत सप्ताह के संबंध में स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि भागवत सुनने से सात प्रश्नों का उत्तर मिलता है जिनमें से पहला प्रश्न जीवन का एकमात्र श्री क्या है। उन्होंने इस संबंध में सुखदेव जी महाराज के जन्म की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।



यहां पर उल्लेखनीय है कि नर्मदा एवं  सोनांचल की पावन धरा पेंड्रा के हाई स्कूल मैदान में में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित संत सनातन शिरोमणि  पद्म विभूषित जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की भागवत कथा 25 अक्टूबर से प्रारंभ हुई है जो 31 अक्टूबर तक चलेगी।
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य ने आज फिर एक बार दोहराया कि यह भागवत कथा किसी के द्वारा व्यक्तिगत रूप से आयोजित नहीं है यह कथा हमारे देश में नक्सलवाद एवं आतंकवाद से मृत शहीदों की आत्मा की शांति के लिए आयोजित की जा रही है।


श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पहले दिन 25 अक्टूबर को जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य ने श्रद्धालु जनों को संबोधित करते हुए श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताया। कथा के दौरान श्री रामभद्राचार्य ने कहा कि कोई व्यक्ति कितना भी विद्वान हो जाए चरित्र के बगैर उसकी विद्वता बेकार है। उन्होंने कहा कि कथा का वचन संस्कृत तथा हिंदी में होगा ताकि कथा सभी को समझ में आए। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय संस्कृति को बचाना है तो संस्कृत को बचाना होगा संस्कृत सीखना पड़ेगा।

संस्कृत को बचाने पर ही संस्कृति बचेगी। इस अवसर पर उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र का भी स्मरण किया। उन्होंने प्रसंगवश  हास परिहास करते हुए पत्नी एवं वाइफ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि पत्नी वह है जो अपने पति को पतन से बचावे वही वाइफ वह है विदाउट इनफॉरमेशन फाइट एनीटाइम।


केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू पहुंचे भागवत कथा सुनने लिया जगतगुरु से आशीर्वाद


आज 26 अक्टूबर की भागवत कथा के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने पेंड्रा के हाई स्कूल मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में पहुंचकर भागवत कथा का श्रवण किया। उन्होंने मंच पर पहुंचकर जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का पुष्पा हार से अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू के मंच पर आशीर्वाद लेने पहुंचने पर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने उन्हें उद्बोधन देने का मौका दिया तथा उनसे कहा कि नरेंद्र मोदी जी मेरे मित्र हैं उनसे कह देना कि छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में आयोजित यह भागवत कथा नक्सलवाद एवं आतंकवाद से मृत हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए आयोजित की गई है। जगद्गुरु ने भरी सभा में यह भी कहा कि इस कथा के बाद मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।

Akhilesh Namdeo

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