तिरुपति बाला जी की यात्रा 

तिरुपति बाला जी की यात्रा 

भगवान को लेकर बहुत से लोगो के मन में बहुत से सवाल होते हैं, भगवान होते है क्या ? होते है तो दिखते क्यों नहीं है आखिर भगवान से जुड़े रहस्यों को समझने के लिये हमें भगवान के मंदिरो से जुड़ी पौराणिक कहानियों को इत्मीनान से सुनना होगा
आज देश के प्राचीन मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक कहानी मैं आप को सुनाऊंगा यकींन मानिये आप के मन में उठने वाले सवालों का उत्तर जरूर मिलेगा ।
देश के दक्षिण में स्थित राज्य आंध्रप्रदेश में एक जिला पड़ता है चित्तूर, जहाँ तिरुपति बाला जी का मंदिर स्थित है। अगर आप देश की राजधानी से यात्रा सड़क मार्ग से प्रारम्भ करते है तो, आप को NH 44 का सहारा लेना होगा ,नोएड़ा से ग्रेटर नोएडा और फिर ताज की नगरी आगरा पहुंचकर आप आगरा के पेठो का लुफ्त उठा सकते है थोड़ा रुकने के बाद यात्रा में आगे चलते हुए पहुंच जाते है ।

धौलपुर यहाँ से आगे चलते हुये आप चम्बल नदी की कल कल धारा को निहार कर बिहण में पनपे कुख्यात डाकुओ को याद करके थोड़ा चम्बल के पानी की चमक को महसूस कर सकते है। आगे चलते हुये आप पहुँच जाते है। मुरैना अगर यात्रा में थकावट महसूस होने लगे तो मुरैना की शान सबलगढ़ किला में घूम के थोड़ा अपनी थकान से निजात ले सकते है
आगे निकलते हुये आप ग्वालियर पहुँचते झांसी होते हुये आप सागर ,नरसिंघपुर और फिर आप पहुँच जाते है नागपुर । नागपुर को छोड़ते हुये आप प्रवेश करते है आँध्रप्रदेश में जहाँ से आगे बढ़ते हुये कुर्नूल पहुँच जाते है यहाँ से आप को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को छोड़ते हुये बाये मुड़कर राष्ट्रीय राजमार्ग 40 का सहारा लेना पड़ेगा
आगे थोड़ी दूर जाने पर राष्ट्रीय राजमार्ग 40 को छोड़ते हुये राष्ट्रीय राजमार्ग 716 को पकड़ते हुये करकमबाडी पहुंच जाते है जहाँ से दाये मुड़कर करीब 23 किलोमीटर और चलने के बाद आप तिरुपति पहुंच जायेंगे

मंदिर की बनावट और नक्काशी को देख कर उसके इतिहास को जानने की उत्सुकता होना स्वाभविक सी बात है
तिरुपति से जुड़े इतिहास को लेकर अभी तक इतिहासकारों में मतभेद हैं

Akhilesh Namdeo