टूलकिट मामला: पीटर फ्रेडरिक जाँच के घेरे में

टूलकिट मामला: पीटर फ्रेडरिक जाँच के घेरे में

किसान आंदोलन का उग्र और तांडव रूप बीते 26 तारीख को ट्रैक्टर मार्च में दिखा. ट्रैक्टर मार्च के बाद अंदेशा हो गया कि ये किसानों को बदनाम करने वाली खालिस्तानी समर्पित उग्रवादी भीड़ ही थी, जिसने भारत को बदनाम करने की साजिश के तहत सब कुछ उपद्रव बवाल मचाया. ट्विटर पर मचे बवाल के बाद जब जाँच एजेंसियों ने तथ्यों को खंगालना शुरू किया, तो बीते 4 तारीख को टूलकिट मामला सामने आया.

टूलकिट मामला जाँच की कड़ी में जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई नाम सामने आते जा रहे हैं. नया नाम सामने आया है पीटर फ्रेडरिक का. ग्रेटा थनबर्ग ने 4 फरवरी को जो टूलकिट ट्वीट किया था, उसमें पीटर फ्रेडरिक का भी नाम था. दिल्ली पुलिस दावा कर रही है कि फ्रेडरिक खालिस्तान का सक्रिय समर्थक है और 2006 से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है.

दिल्ली पुलिस की डीसीपी (साइबर सेल) मनीषी चंद्रा के मुताबिक, ‘पीटर फ्रेडरिक 2006 के अंत से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है, उसे भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी के साथ देखा गया था, भिंडर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के K2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क से जुड़ा है.

डीसीपी (साइबर सेल) मनीषी चंद्रा ने आगे कहा कि भिंडर कुछ समय के लिए संयुक्त राज्य ड्रग प्रवर्तन प्रशासन के लिए एक ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ था. अब वह साइप्स (मनोवैज्ञानिक संचालन) चला रहा है. दिल्ली पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है कि पीटर फ्रेडरिक का नाम ‘टूलकिट’ में क्यों था. हालांकि, फ्रेडरिक के ट्विटर पोस्ट से साफ जाहिर हो गया है कि वह सरकार के खिलाफ रहा है.

पीटर फ्रेडरिक ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘यदि आपको भारत में रहना है, तो आप को आरएसएस, भाजपा या मोदी के खिलाफ पोस्ट करने से बचे रहना है. नहीं तो आप को निशाना बनाया जा सकता है, यह एक वास्तविकता है, आप इसके साथ क्या करेंगे? अपना खाता निजी बनाएं? इसे मिटाओ? आगे बढ़ते रहेंगे?’

अपने दूसरे ट्वीट में पीटर फ्रेडरिक ने दिशा रवि की रिहाई की मांग की. पीटर फ्रेडरिक की वेबसाइट को पड़तालने पर चला कि वह एक लेखक, कार्यकर्ता, वक्ता और यात्री हैं. पीटर ने बड़े बड़े यूनिवर्सिटी में अपना व्याख्यान दिया है, जैसे कोलंबिया विश्वविद्यालय, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, यूसी बर्कले, यूसी लॉस एंजिल्स, कार्लटन विश्वविद्यालय और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में.

 

Akhilesh Namdeo