कोविड वैक्सीन की खेप अफगानिस्तान पहुंची

कोविड वैक्सीन की खेप अफगानिस्तान पहुंची

कोविड वैक्‍सीन डेवलप होने के बावजूद, दुनिया के कुछ देशों के सामने बड़ी परेशानी है.  वे वैक्‍सीन बना पाने में असमर्थ है, क्योंकि उनका इतना बजट है ही नहीं कि  वे अमेरिकी, चीनी व अन्‍य वैक्‍सीन खरीद सकें या वैक्‍सीन बना सकें. भारत ऐसे देशों के लिए देवदूत की तरह सामने आया है.  कम आय वाले  ऐसे कई छोटे देशों को भारत ने अपने यहां निर्मित ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन ‘कोविशील्‍ड’ की खेप तोहफे के रूप में भिजवाई है. देश में एक तरफ टीकाकरण अभियान जोरों पर है, तो दूसरी तरफ इन देशों की मदद भी निरंतर ज़ारी है. दुनिया भी भारत की इस पहल को बहुत सराह रही है.

रविवार को भारत ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के लोगों के लिए उपहार के रूप में अफगान अधिकारियों को कोविड-19 टीकों की पांच लाख से अधिक खुराक सौंपी.

अफगानिस्तान द्वारा इसे भारत की ‘‘उदारता और ईमानदारी से सहयोग का एक मजबूत संकेत’’ बताया गया. काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट के द्वारा बताया कि, ‘‘कोविड -19 टीके की पहली खेप अफगानिस्तान पहुंच गयी है. भारत की ओर से अफगानिस्तान के लोगों को उपहार में दी गई कोविड-19 टीके की पांच लाख खुराक की एक खेप आज काबुल पहुंची.’’ काबुल में भारत के ‘चार्ज डी अफेयर्स’ रघुराम एस. ने कार्यवाहक जन स्वास्थ्य मंत्री वाहिद मजरूह को टीकों की खेप सौंपी. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अत्मर ने ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान में फैले कोविड-19 के खिलाफ इस्तेमाल के लिए ‘मेड इन इंडिया’ टीके की पांच लाख खुराक के लिए  भारत सरकार, मेरे मित्र डॉ एस जयशंकर, और भारतीय लोगों के प्रति मेरी गहरी कृतज्ञता. वास्तव में उदारता, प्रतिबद्धता और मजबूत साझेदारी का एक स्पष्ट संकेत.’’ अफगान विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में ‘‘अफगानिस्तान के उदार समर्थक और रणनीतिक भागीदार भारत’’ द्वारा कोविड वैक्‍सीन (कोविशील्ड) की पहली खेप की निशुल्क सहायता और उचित समय पर आपूर्ति के लिए अपना आभार जताया. उसने बयान में कहा, ‘‘वर्तमान कठिन परिस्थितियों में अफगानिस्तान में कोविड-19 के प्रसार से निपटने के लिए भारत सरकार का टीके की पांच लाख खुराक का दान अफगानिस्तान सरकार और उसके लोगों के प्रति उदारता और ईमानदारी से सहयोग का एक मजबूत संकेत है.’’ दोनों देशों के बीच सहयोग के विस्तार के तौर पर भारत द्वारा आठ जनवरी को अत्मार और जयशंकर के बीच हुई टेलीफोन वार्ता के दौरान अफगानिस्तान को कोविड-19 राहत सहायता की घोषणा की गई थी. राष्ट्रपति महल की ओर से ज़ारी हुए एक ट्वीट में बताया गया है कि भारत द्वारा समय पर सहायता भेजने के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आभार व्यक्त किया है. उसने कहा कि पहले चरण में टीका सुरक्षा और रक्षा बलों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले अन्य समूहों को दिया जाएगा. मजरूह ने कहा है कि मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियों के रोगियों और वरिष्ठ नागरिकों को दूसरे चरण में टीके से प्रतिरक्षित किया जाएगा. अब तक अफगानिस्तान में कोविड-19 के सामने आये 55,359 मामलों में से 2,413 व्यक्तियों की मौत हो गयी है.

Akhilesh Namdeo