अल्जाइमर क्या है ?

दोस्तों! आप को पता ही है, कि मानव मस्तिष्क की प्रक्रिया एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया होती है. जिस पर ना जाने उम्र भर की कितनी जिम्मेदारियां होती हैं. हमारी जिन्दगी का पूरा क्रियान्वयन मस्तिष्क के द्वारा होता है, फिर चाहे वो काम करने का निर्णय लेने की बात हो, सही गलत की पहचान हो या फिर कब क्या करना चाहिए इसकी समझ. कुल मिलाकर अगर हमारे मस्तिष्क में किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है,या फिर कोई बीमारी हो जाती है तो मरीज़ असहाय हो जाता है, मस्तिष्क का इतना अहम् स्थान है, हमारे जीवन में कि हॉस्पिटल में डॉक्टर्स भी तब तक किसी रोगी को मृत नहीं मानतें हैं,जब तक उनका ब्रेन डेड घोषित नहीं होता है. अल्जाइमर बीमारी की शुरुआत एक आम बीमारी की तरह होती है. ये डीमेंशिया का एक विकसित रूप है. अल्जाइमर में मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे कमजोर हो कर पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाती हैं और अल्जाइमर का रूप ले लेती हैं.अल्जाइमर का रोग को मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलकोलाइन में कमी होना बताया गया है.
अल्जाइमर कैसे होता है ?
हमें दिमाग से संबंधित बीमारियों के बारें में जागरूक रहना चाहिए और अपना ध्यान भी रखना चाहिए. कई बार ऐसा होता है की हम कई सारी स्थितियों को को मजाक में लेते है और अपना अहित कर लेतें हैं.आज हम बात करेंगे की ब्रेन की भूलने वाली बीमारी अल्जाइमर की, ये बीमारी उम्रदराज़ इंसान को होती है. ऐसे इंसान को सब लोग समझ भी नहीं सकतें हैं, आप जब तक इस बीमारी को भली प्रकार नहीं जानेंगे, तब तक ऐसे रोगी की मदद नहीं कर पायेगे. इसीलिए आज हम आप को वो सारे कारण बतायेंगे जिसकी वजह से अल्जाइमर होता है.
- उम्रदराज़ होना: अल्जाइमर मुख्य रूप से ६० वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को होता है, इसलिए ऐसे लोगों का अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए, दिमाग को एक्टिव रखने वाली क्रियाँए, व्यायाम करना चाहिये, ब्रेन गेम खेलना चाहियें ताकि उन्हें इस रोग को झेलना न पड़े.
- जेनेटिक कारण: अल्जाइमर बीमारी अगर आप के परिवार में किसी को है तो आप को सजग हो जाना चाहिए. हालाँकि कोई जरूरी नहीं है की अगर आप के परिवार में अगर किसी को ये बीमारी है तो आप को भी हो ही जाये लेकिन फिर भी आप को अपना टेस्ट कराते रहना चाहिए, जिससे इस बीमारी का जल्दी पता लग सके.
- सर में चोट लगना: अगर किसी के सर में किसी भी प्रकार की चोट लगी हो, फिर चाहे वो किसी भी उम्र में लगी हो, किसी एक्सीडेंट में, क्रिकेट की बाल से, कहीं लड़ाई झगडें में या आप कहीं गिर गए हो, किसी चीज़ से टकरा गए हो. अगर आप को किसी भी तरह से सर में चोट लगी हो, उसे ये बीमारी होने की सम्भावना बहुत ही ज्यादा होती है.
- तनाव का शिकार होना: आज कल इस दौर में हर इंसान पर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है. इस महंगाई के ज़माने में हम हर जरूरत के लिए मेहनत करतें है, हर जरूरत के लिए पैसों का इंतजाम करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है इसी वजह से बहुत ही ज्यादा मानसिक तनाव होता है. इसी वजह से अल्जाइमर होने का खतरा हो जाता है.
- किसी अन्य बीमारी से ग्रसित होना: इन सारे कारणों के अलावा एक और कारण है जो एक अहम् रोल निभाता है और जिसकी तरफ हम आप का ध्यान इंगित करना चाहते हैं और वो है किसी और बीमारी का इलाज़ अगर आप किसी और बीमारी का इलाज़ करा रहे हैं बहुत सारी दवाइयां खा रहे है. ज्यादातर ये बीमारी दिल की बीमारी और शुगर वाले मरीजों को ज्यादा अपनी चपेट में लेती है.
इस बीमारी के बारें में समझ कर आप अपने परिवार और आस-पास के लोगों को इसके बारें में जागरूक करें और उन्हें अल्जाइमर से बचाने की कोशिश आज से ही शुरू कीजिये.आप की यही कोशिश कई लोगों की जिन्दगी के लिए स्वर्णिम पहल हो सकती है.अपने अगले अंक में हम आप को इस रोग के रोगी की पहचान करने के सन्दर्भ में और भी अहम् जानकारी देंगे. तब तक अपने साथ-साथ अपनों का ध्यान रखें, और सुरक्षित रहे.
