गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पर्यटन स्थलों पर विश्व योग दिवस पर हुआ योगाभ्यास, स्वास्थ्य, संस्कृति और पर्यटन का बना त्रिसंगम

गौरेला पेंड्रा मरवाही
विश्व योग दिवस के अवसर पर जिले में इस बार एक नई और सार्थक पहल देखने को मिली। जिला पर्यटन समिति के सहयोग से जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सामूहिक योगाभ्यास, व्यायाम और आसनों का आयोजन किया गया।
इस अभिनव प्रयास का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को पर्यटन स्थलों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार देना भी था।

पर्यटन स्थलों पर योग आयोजन का विशेष उद्देश्य
पर्यटन स्थलों पर योग आयोजन कर यह संदेश दिया गया कि यात्रा केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त करने का सशक्त माध्यम भी हो सकती है। प्राकृतिक वातावरण में योगाभ्यास करने से शरीर और मन को अधिक ऊर्जा मिलती है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित होता है।

योग – भारत की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान
योग आज पूरी दुनिया में भारत की एक वैश्विक पहचान बन चुका है। पर्यटन स्थलों पर योग का आयोजन इस पहचान को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत की आध्यात्मिक पर्यटन (Spiritual Tourism) की छवि और मजबूत होती है।
स्वास्थ, संस्कृति और पर्यटन का त्रिसंगम
विश्व योग दिवस पर पर्यटन स्थलों में योग का आयोजन वास्तव में “स्वास्थ्य, संस्कृति और पर्यटन” के त्रिसंगम को दर्शाता है।
यह पहल पर्यटन को सिर्फ दृश्य आनंद तक सीमित रखने के बजाय उसे एक समग्र जीवनशैली सुधारने वाला अनुभव बनाने की दिशा में जिले द्वारा किया गया एक उत्कृष्ट प्रयास है।

स्थानीय नागरिक और पयर्टकों ने ली हिस्सेदारी
पर्यटन स्थलों पर आयोजित योग कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ पर्यटकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। पर्यटकों ने प्राकृतिक वातावरण में योग करने के इस अनुभव को बेहद सकारात्मक और प्रभावशाली बताया।

प्रशासन द्वारा इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि स्वास्थ्य और संस्कृति को जोड़ते हुए पर्यटन को एक नए आयाम में विकसित किया जाए।

