आपकी छोटी सी आर्थिक मदद सुनीता की जिंदगी बचाने में हो सकती है सहायक
एम्स रायपुर में जीवन मृत्यु से जूझ रही है भालू के हमले से बुरी तरह घायल ग्राम नाका की मासूम आदिवासी बालिका सुनीता
दशहरे की धूम और चुनाव की धमा-चौकड़ी में कहीं सुनीता उपेक्षित ना रह जाए
आदिवासी परिवार की बेटी सुनीता को इलाज के लिए है मदद की दरकार
अखिलेश नामदेव

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के वनांचल ग्राम नाका में रहने वाली आदिवासी बालिका सुनीता भालू से हमले में घायल होने के बाद जीवन मृत्यु से जूझ रही है। उसकी एक आंख सहित दांया चेहरा क्षत -विक्षत हो चुका है , शरीर के दूसरे अंग में भी भालू के हमले से गहरे घाव बन गए हैं। गरीब आदिवासी परिवार की बेटी सुनीता भले ही अभी एम्स रायपुर में इलाज के लिए भर्ती है परंतु क्या वह पहले की तरह हंसमुंख और स्वस्थ हो पाएगी ? एम्स क्या सुनीता को मुस्कुराता हुआ नया जीवन दे सकेगा? या सुनीता मरवाही में भालू के हमले से हताहत अन्य ग्रामीणों की तरह गुमनामी में खो जाएगी? या उसकी जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटेगी पहले की तरह!! यह सब यक्ष प्रश्न है जिसका जवाब अभी मिल पाना मुश्किल है।

घटना जिला मुख्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही से 55 किलोमीटर दूर वनांचल ग्राम नाका की है जहां 24 अक्टूबर मंगलवार दशहरे के दिन 12:00 बजे जब गौरेला पेंड्रा मरवाही सहित अन्य शहरों के लोग बैंड बाजे और डीजे की धुन पर दुर्गा विसर्जन करने के लिए झांकियां के साथ नाच और थिरक रहे थे तब वनांचल ग्राम नाका की यह आदिवासी बेटी सुनीता जीवन और मृत्यु के लिए संघर्ष कर रही थी। मासूम सुनीता अपने घर के पीछे बाड़ी के पास से लौट रही थी। पास ही अरहर के खेत में एक मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ थी जिसने अचानक मासूम सुनीता पर हमला कर दिया। मात्र 12 वर्ष की सुनीता समझ भी नहीं सकी और वह मादा भालू की चपेट में आ गई। मादा भालू ने उसके एक आंख सहित दाएं चेहरे को बुरी तरह से क्षत -विक्षत कर दिया तथा शरीर के दूसरे अंगों पर भी घाव कर दिए। भालू के हमले से घायल सुनीता की रोने चिल्लाने की आवाज सुनकर पास ही खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने जोर-जोर से आवाज लगाई। आवाज सुनकर वहां पर के कुत्तों ने भी भौंक कर भालू को भागने में मदद की और इस तरह सुनीता की जान की रक्षा हुई परंतु इस हमले में इस तरह घायल हो चुकी थी कि उसे पहले मरवाही बाद में जिला चिकित्सालय गौरेला पेंड्रा मरवाही तथा बिलासपुर एवं वहां से एम्स रायपुर रिफर कर दिया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।

गरीब आदिवासी परिवार की बेटी सुनीता कक्षा सातवीं की छात्रा है
मिडिल स्कूल नाका में कक्षा सातवीं में अध्यनरत 12 वर्षीय सुनीता गरीब गोंड़ आदिवासी परिवार की सबसे छोटी बेटी है। उसके पिता ईश्वर सिंह गौड़ गांव के लघु कृषक हैं जिनकी तीन बेटियां क्रमशः मालती,मोहनी औरसुनीता है। छोटे किसान होने के कारण ईश्वर सिंह गोंड़ खेती किसानी के अलावा मजदूरी भी करते हैं तब कहीं परिवार का किसी तरह से पालन पोषण हो पता है। छोटी बेटी सुनीता हंसमुख और होनहार है तथा वह कक्षा सातवीं की छात्रा है परंतु हिंसक मादा भालू के हमले ने उसकी जिंदगी की दिशा ही बदल कर रख दी है और परिवार अब सुनीता के इलाज के लिए रायपुर में परेशान है। गरीब आदिवासी परिवार की बेटी सुनीता को शासन प्रशासन क्या मदद दे पाएगा यह एक बड़ा सवाल है। क्या इलाज के बाद उसका हंसता मुस्कुराता पुराना चेहरा वापस लौट कर आएगा? क्या उसकी हस्ती खिलखिलाती जिंदगी में फिर से रौनक वापस लौटेगी यह सब ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।
सुनीता के परिवार को जरूरी है आर्थिक मदद मिलना
धान कटाई के मौसम में क्या किसी गरीब आदिवासी छोटे किसान के पास नगद रुपए होते हैं जवाब है नहीं। और अब ऐसे में जब उसके गरीब पिता धान कटाई के मौसम में रायपुर स्थित एम्स में परिवार सहित बेटी के इलाज के लिए गए हैं तब स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठना लाजिमी है कि उनके पास पैसे कहां से आएंगे?? अभी 2 दिन पूर्व ही तो हमने नवरात्रि मनाई है कन्या पूजन किया है जगराता किया है भंडारा किया देवी मां को खुश करने के लिए, तब क्या सुनीता को दी गई आपकी छोटी सी मदद भी देवी मां की पूजा देवी मां की पूजा नहीं होगी। देवी मां के तमाम भक्तों सहित गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के समाजसेवी एवं धनी वर्ग सुनीता के परिवार को कुछ आर्थिक मदद दे ताकि सुनीता के परिवार रायपुर में रहकर उसका इलाज कर सके। आपकी छोटी सी आर्थिक मदद सुनीता की जिंदग की खुशियां लौटने में सहायक हो सकती है। मीडिया की अपील है कि पीड़ित छात्रा सुनीता के पिता ईश्वर सिंह का खाता नंबर है, जिसमे आप अपनी मदद सहायता राशि भेज सकते हैं।

ईश्वर सिंह (ESHWAR SINGH)
Account number 34763697078
SBI MARWAHI
IFSC code SBIN0006900
मदद करने के बाद आप सुनीता के पिता ईश्वर सिंह गौड़ निवासी नाका से जो अभी रायपुर एम्स में है से मोबाइल नंबर पर 91114 83793 बात कर सकते हैं।
