भारतीय खाने से कैसे गायब हुआ नमक ?

भारतीय खाने से कैसे गायब हुआ नमक ?

आइये ! आज हम नमक से जुड़ी हुई सभी रोचक तथ्यों को जानते हैं. नमक मुख्य दो प्रकार होते हैं. समुद्री नमक और सेंधा नमक. पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को सेंधा नमक, सैन्धव नमक और लाहोरी नमक जैसे कई नामों से जाना जाता है. जिसका मतलब हैसिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ. 

सिन्धु घाटी में नमक के बहुत बड़े पहाड़ और सुरंगे है. यह मोटे मोटे टुकडों में होता है और आजकल यह नमक पिसे हुए रूप में भी आने लगा है. यह नमक हमारे दिल और पाचन के लिए बहुत उपयोगी है. सेंधा नमक से पाचक रस बढ़ते  हैं. इसलिए आप समुद्री नमक की अपेक्षा सेंधा नमक और काले नमक का उपयोग अधिक करे.

सेंधा नमक के फ़ायदे

भारत  में 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था. जिसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया और भारत में समुद्री नमक के व्यापार को बढ़ावा दिया. उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की जनता को आयोडीन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जाने लगा. दुनिया के लगभग 56 देशों ने आयोडीन युक्त नमक 40 साल पहले ही बैन कर दिया जैसे कि अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और डेन्मार्क. इस बात को आप इस तरह भी समझ सकते है कि डेन्मार्क की सरकार ने 1956 में आयोडीन युक्त नमक बैन कर दिया था. क्योँकि उनकी सरकार के हिसाब से आयोडीन युक्त नमक खाने वालो में नपुंसकता के लक्षण पाए गए (1940 से 1956 तक).

जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया. वैज्ञानिकों के कहने पर ही आयोडीन युक्त नमक बैन किया गया. शुरू के दिनो में जब हमारे देश में ये आयोडीन का खेल शुरू हुआ तो भारत में कानून बना दिया गया कि बिना आयोडीन युक्त नमक भारत में बिक नहीं सकता. कुछ समय बाद इस बैन को हटा दिया गया.

सेंधा नमक के फ़ायदे:-

सेंधा नमक से रक्तचाप और बहुत सी गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है. क्योंकि ये अम्लीय नहीं है,ये क्षारीय है. क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है. तो वो न्यूटल हो जाती है और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं. सेंधा नमक शरीर में पूरी तरह से घुलनशील है. इस  नमक की शुद्धता को आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास या व्रत में  सब सेंधा नमक ही खाते है. तो आप ज़रा सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है. वो आपके शरीर के लिए कितना नुक़सान देह होगा ?

सेंधा नमक से शरीर मे 97 पोषक तत्वों  की कमी को पूरा करता है. इन पोषक तत्वों की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे  का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है. सेंधा नमक के बारें में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है.

यह पाचन में सहायक होता है. साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है. जो हृदय के लिए लाभकारी होता है. यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी इसका प्रयोग किया जाता है.

Akhilesh Namdeo